यह रोग गले में भीतर के भाग की सूजन के कारण होता है | गले में सूजन आने से गले में दर्द और खाने पीने में परेशानी आती है | आम लोगो में कहा जाता है की टांसिल बढ़ गए | इसके इलाज के लिए टांसिल का कटवा दिया जाता है | परन्तु रोग के कारण को दूर नहीं किया जाता | परिणामस्वरूप टांसिल जल्दी बढ़ जाते है और ऑपरेशन कराने से भी रोग नहीं जाता |
प्राक्रतिक जीवन पध्दति के अनुसार गले में खराबी पेट के खराब होने के कारण आती है | पेट के खराब होने पर गले के टांसिल में सूजन आ जाती है | इसके उपचार के लिए निम्न चीजो का प्रयोग करे
जैसे एक दो दिन के लिये उपवास या रसाहार (नारियल पानी, सफ़ेद पेठे का रस, कच्ची सब्जी या फलो का रस) ले | पेट और गले पर ठंडी गीली पट्टी दिन में तीन या चार बार आधे आधे घण्टे के लिए लगाए | पेठे के रस एव ताजे पानी के गरारे करे और अहिंसक एनिमा का प्रयोग करे | प्राक्रतिक जीवन पध्दति को पूर्णरूपेण अपनाने से रोग बिना ऑपरेशन के स्थायी रूप से ठीक हो जाता है |