तुलसी के उपचार
वानस्पतिक नाम : आंसिमम सेंकटम
संस्क्रत नाम : तुलसी, सुरसा
सर्दी, जुकाम, खांसी
· धुले हुए (स्वच्छ) 10 12 तुलसी के पत्ते और एक बड़ा चम्मच बारीक काटी हुई अदरक ले | दोनों को धीमी अग्नि पर अदरक के गहरा रंग हो जाने तक भून ले, इसमें एक कप पानी मिलाकर कुछ देर तक उबाले | इसको छानने के बाद एक बड़ा चम्मच शहद मिलाकर सेवन करे |
· दो कप पानी में 10 15 तुलसी की पत्तियां डालकर उबाले, जब ये आधा शेष रह जाय तब गुनगुना गर्म पानी पीये |
· 10 -12 तुलसी की पत्तियो का रस, 1 चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम दो बार ले |
· नाक में रूकावट या अवरोध को दूर करने के लिए सुखी पत्तियों का चूर्ण बनाकर सूंघे |
पाचन विकार 10 12 पतियों को पानी में उबालकर पीये |
ज्वर 7 तुलसी की पत्तियों, 4 पिप्पली 2 चम्मच कच्ची शक्कर को पीसकर 1/3 कप पानी में मिलाए और खाली पेट ले
दीर्घायु/भूख की कमी रोज खाली पेट 2 4 पत्तियां चबाए
त्वक विकार तुलसी पत्तियों को पानी के साथ पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगाये |
अन्य उपयोग तुलसी वायु को स्वच्छ रखने का काम करती है साथ ही वायुमण्डल में व्याप्त कीटाणुओं को नष्ट करती है | यह खाना पकाने विशेष रूप से इटालियन भोजन, सूप इत्यादि में प्रयोग होता है | भारतीय संस्कृति में इसे पवित्र पौधा माना जाता है और अधिकांश घरो में इसे उगाया जाता है