Home| Health |Beauty Tips |Diseases |Yoga Tips |Ayurveda |Women Health |
Top Voted |  Top Viewed | 
Ayurveda  

TODAY'S POLL
  We should drink water with food?  
     
  Yes  
  No  
  Cant Say  
     
   
     

  NEWSLETTER  
 
Sign up our free newsletter.
 
     
1
Vote
वात दोष लक्षण और उपचार
Posted by arpit on February 22, 2016
Category : Ayurveda | Tags :  | Views : 386




वात दोष वाले व्यक्ति विशेषकर अपरिचित, कठिन और कोलाहलपूर्ण वातावरण में चिंताग्रस्त, दुखी या तनावग्रस्त हो जाते है । उनके अकेलेपन में जीने या अपरंपरावादी बनने की संभावना अधिक होती है


 वात दोष वाले व्यक्ति विशेषकर अपरिचित, कठिन और कोलाहलपूर्ण वातावरण में चिंताग्रस्त, दुखी या तनावग्रस्त हो जाते है । उनके अकेलेपन में जीने या अपरंपरावादी बनने की संभावना अधिक होती है 

वात बढ़ने के कारण 
  • वात तत्वों की प्रमुखता वाले खाघ पदार्थ - शुष्क, हल्के, और गैस बनाने वाले फल और सब्जियों जैसे पत्ता गोभी,फली, चुकंदर, मशरूम, सलाद, मटर, शिमलामिर्च, पालक, सफ़ेद ब्रेड्स, सूखे मेवे का अत्यधिक सेवन । बहुत ठंडे भोजन और पेय पदार्थ लेने से भी वात में गड़बड़ी होती है  
  • ऐसी अवधि के दौरान जब प्राकृतिक रूप से मौसम, में वात की अधिकता होती है जैसे की ठंड शुष्क 
    या हवा चलने वाला मौसम, सूर्योदय या सूर्यास्त के ठीक पहले और वृध्दावस्था के दौरान वात में गड़बड़ी हो जाती है 
  वात विकृति के लक्षण 
 वात के असंतुलन के कारण 80 प्रकार की व्याधियां या बीमारियां पैदा होती है तरल पदार्थ में कमी के कारण होने वाली  बीमारी, गतिशीलता या चलने में समस्या होना अत्यधिक वायु का होना आमतौर पर वात से संबंधित होते है । सुखी  त्वचा, रुसी, समयपूर्व बुढ़ापा, कब्ज, जोड़ो में दर्द, लकवा, चक्कर आना सिरदर्द, मासपेशियों का रुखा होने और स्मरण  शक्ति कम होने वात की अधिकता से जुडी बीमारियां है 
   वात को संतुलित करने के उपचार 
वात की अधिकता को सतुलित करे के लिए उसके विपरीत प्रकृति वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करने को कहा जाता है 
ऐसे भोज्य पदार्थो को आहार में शामिल किया जाना चाहिए जो नमकीन मसालेदार या कफ (ठोस मीठे)  अधिकता  वाले हो इनमे ताजे फल पिस्ता, चावल, दुग्ध, उत्पाद आड़ू, ब्राउन ब्रेड्स, बादाम, मसाले शामिल है 
 सलाद  में क्रीम या तेल की परत हो 

गर्मी प्रदान करने वाले रंग रत्न और इत्र लाभदायक है संतरे पीले या लाल रंग के शेड वाले लहसुनिया, पीले नीलम या बिल्ली की आँख वाला रत्न और दालचीनी तुलसी या चन्दन युक्त तेल 

    Back
    Copyright © 2016 goodhealthtips.in        |