हमारे शरीर में रक्त सर से पाँव तक शरीर के प्रत्येक भाग में चल रहा है | इसकी गति को चलाने के लिये ह्रदय द्वारा इसकी पम्पिंग की जाती है | हमारा ह्रदय पम्पिंग स्टेशन का काम करता है, जब व्यक्ति द्वारा कई वर्षो तक लगातार बद्परहेजी की जाती है तो उसका रक्त विषाक्त द्रव्य के मिश्रण द्वारा गन्दा हो जाता है गन्दा होने से वह गाढ़ा या भारी हो जाता है | दूसरी स्थिति में अगर मानसिक हालत ठीक न हो तो व्यक्ति हर समय चिंता, गुस्सा, भय के तनाव में पड़ा रहता है | परिणामस्वरूप शरीर का तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है और रक्त वाह्नियाँ सिकुड़ जाती है रक्त भरी हो या कोशिकाए सिकुड़ जाए तो हमारे तो हमारे ह्रदय का रक्त प्रवाहित करने के लिए अधिक जोर लगाना पड़ता है |
ह्रदय को अधिक जोर लगाने के कारण पसीना ज्यादा आता है, और श्वास फूलती है | ह्दय की इस क्रिया को रक्तचाप कहा जाता है | उच्च रक्तचाप होने पर व्यक्ति दवाइयों का सहारा लेता है | दवाइयां आजीवन खानी पड़ती है रोजाना एक या दो गोली दी जाती है, जो अक्त को पतला कर देती है | अगर दवाइयां बंद कर दी जाए तो रक्त अपनी पहले वाली स्थिति में फिर वापस गाढ़ा हो जाता है | इस प्रकार रोग के कारण को दूर नहीं किया जाता और समस्या का सही समाधान भी नहीं होता |
बताए गए नियमो का पालन करे | गलत तरह का खान पान गलत तरह का रहन सहन और गलत तरह के सोच - विचारों का त्याग करे | प्राक्रतिक जीवन शैली को पूर्णरूपेण अपनाने से से रोग पूरी तरह से ठीक हो जाएगा |